Tuesday, 8 October 2019

साक्षात्कार हेतु कुछ उपयोगी टिप्स



साक्षात्कार हेतु
कुछ
उपयोगी टिप्स



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सबसे पहले तो आपको मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए मेरी की तरफ से हार्दिक बधाई | हालांकि मुख्य परीक्षा परिणाम के साथ ही अनिश्चितता के बादल छंट जाते हैं तथा आशा की एक किरण दिखाई देने लग जाती हैं परंतु इसके साथ-साथ ही साक्षात्कार की तैयारी तथा अंतिम रूप से चयन का संशय भी मन में आने लगता हैं |
साक्षात्कार किस तरह से होगा , कौन लेंगे , परीक्षा में कितने अंक आये होगे तथा साक्षात्कार में क्या स्कोर होगा | साक्षात्कार की तैयारी कैसी की जाये , क्या पहने, साक्षात्कार के दिन मैं अपने आपको कैसा सिद्ध कर पाउँगा आदि अनेकानेक प्रश्न मन में उठते हैं |
हम साक्षात्कार में आपकी द्वारा सफलता की कामना करते हैं यह बात भी सत्य है कि अधिकतर अभ्यर्थी परीक्षा से पूर्व कोई तैयारी नही करते हैं क्योंकि ऐसी आवश्यकता भी महसूस नही की जाती, यह तो आपके परिणाम आने के बाद ही आवश्यकता महसूस होती हैं |
वास्तव में साक्षात्कार का सामना करना एक कला हैं | इसी प्रकार परीक्षा के सभी चरणों में यह एक मुश्किल चरण हैं | इसके तीन कारण हैं पहला, साक्षात्कार आपके और आपके अंतिम चयन के बीच अंतिम बाधा हैं | दूसरा, साक्षात्कार ही एकमात्र ऐसा चरण हैं जिसमे आपका तथा आपके परीक्षकों के बीच सीधा सवांद होता हैं | तीसरा, यह आपके ज्ञान की परीक्षा नही बल्कि आप अपने व्यक्तित्व को किस तरह से प्रस्तुत करते हो उसकी एक परीक्षा हैं |
व्यक्तित्व परीक्षा क्या हैं ?
व्यक्तित्व परिक्षण वास्तव में साक्षात्कार के वातावरण समग्र रूप  से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में जानना, विश्लेषण, तथा परीक्षाण करना है  बहुत सारे अभ्यर्थी साक्षात्कार के औचित्य के बारे में नही जानते | वास्तव में साक्षात्कार का एक उद्देश्य यह भी होता हैं की क्या अभ्यर्थी जिस प्रशासनिक पद के लिए चयन किए जाने वाला है वह उन परिस्थितियों का सामना करने के लिए अपने आप को सिद्ध कर पायेगा | चयनकर्ता यह भी जानने का प्रयास करते हैं कि अभ्यर्थी प्रशासनिक सेवाओं के लिए व्यक्तित्व की दृष्टी से कितना उपयुक्त है |
अभ्यर्थी का इस बात के लिए भी परिक्षण होता है कि वह बौधिक रूप से सक्षम होने के साथ साथ सामाजिक तथा साम्यक विषयों के प्रति कितना संवेदनशील है | अभ्यर्थी समसामयिकी विषयों के प्रति क्या दृष्टिकोण रखता है तथा आगे आने वाले समय में यदि उस तरह की समस्याएं उसके जीवन में आयेंगी तो वह उनकी प्रति क्या प्रतिक्रिया करेगा | साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थी को न केवल सूचना विश्लेषण और वार्तालाप की दृष्टी से अपने आपको तैयार करना चाहिए बल्कि उसे दृष्टीकोण से भी अपने आपको तैयार करना चाहिये कि वह किस तरह से पूर्व नियोजित तरीके से भावनात्मक रूप से उसके सामने प्रस्तुत की गई प्रस्तुतियों को शालीनता से निपटेगा |
इस तरह से सफलता का एक सूत्र यह भी है कि हम यह जान ले कि साक्षात्कार क्या है, यह क्यों आयोजित होते हैं तथा किस तरह से दिया जाना चाहिये |  साक्षात्कार की सफलता के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण सूत्र यह भी है कि अभ्यर्थी अपने द्रष्टिकोण को सकारात्मक रखें | इसके लिए वह आज से ही अभ्यास प्रारंभ कर सकता हैं | हालांकि साक्षात्कार का आधा घंटे (या कम भी ) का समय किसी के व्यक्तित्व को परखने के लिए काफी कम होता है  इसलिए यह भी एक कला है कि किस तरह से उस न्यूनतम समय में अभ्यर्थी की ओर दागे गये प्रश्नों का उत्तर किस तरह से बेहतरीन तकनीक से दें ताकि चयनकर्ता न केवल आपके ज्ञान को जान सके बल्कि आपके व्यक्तित्व के सकारात्मक पहलुओं से भी प्रभावित हो सकें | कई बार ऐसे प्रश्न का जवाब जो नही आता हो उसे नही में जवाब देना भी कई बार किसी प्रश्न के सही जवाब से भी अधिक प्रभावशाली तरीके से आपके व्यक्तित्व को परिलक्षित कर सकता है |
चयनकर्ता:
चयनकर्ता प्राय:- 4-5 विभिन्न क्षेत्रो के अत्यंत अनुभवी तथा विद्वान लोग होते हैं | ये चयनकर्ता लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष /सदस्य तथा सेवानिवृत्त अथवा कार्यरत प्रशासनिक/पुलिस अधिकारी हो सकते हैं | चयनकर्ता में विश्वविधालय के विभिन्न विषयों के प्रोफ़ेसर ये विशेषज्ञ भी हो सकते हैं इन चयनकर्ताओं में एक प्राय: मनोवैज्ञानिक भी होता हैं | चयनकर्ताओं को इस तथ्य से पूर्व में अवगत करवा दिया जाता है कि यह अभ्यर्थी का अकादमिक ज्ञान की परीक्षा के लिए न होकर अभ्यर्थी के व्यक्तित्व के परिक्षण के लिए है | अभ्यर्थी का किसी विषय पर ज्ञान की परीक्षा तो लिखित में पुव में ली ही जा चुकी है | साक्षात्कार के दौरान मित्रवत वातावरण में बातचीत के माध्यम से उत्पन्न की गई परस्थितियों में आपकी प्रतिक्रियाओं व उत्तर दिये जाने के तरीके से व्यक्तित्व को जांचने का प्रयास होता हैं |
चयनकर्ता क्या देखते है?
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मुख्य रूप से चयनकर्ता एक अभ्यर्थी में निम्न बातें देखते हैं

          अभ्यर्थी का परिधान व बातचीत का सामान्य अंदाज |
          अच्छी भाषा |
          ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा
          सकारात्मक तथा आत्मविश्वास से भरी अभ्यर्थी की शालीन बॉडी लेंग्वेज |
          तत्काल समझ तथा शार्प रिफ्लेक्स के साथ बुद्धिमान और सचेत मस्तिष्क |
          अपने आपको प्रस्तुत करने में स्पष्टता |
          अभ्यर्थी अपनी कमियों तथा सकारात्मक पहलुओं के प्रति जागरूक हो |
          समसामयिकी तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर निष्पक्ष तथा तार्किक विचार हों |
          धर्मनिरपेक्षता, लोकतान्त्रिक, सवेंधानिक गुणों के प्रति सकारात्मक विचार हों |
          देश एवं राज्य के इतिहास, कला, संस्कृति एवं धरोहर के प्रति सचेत हो |
          वाद-विवाद तथा तनाव की स्थिती में सयमित तथा शांत हो |
          अपनी अभिरुचियों के माध्यम से भी व्यक्तित्व जाना जा सके |
          नेतृत्व करने तथा मेहनत की क्षमता हो |
          नवाचार का जानकार हो |
          नवीन ज्ञान के प्रति लग्न हो |
          अपने प्रशासनिक दायित्वों, कर्तव्यों तथा अधिकारों का जानकार हो |

व्यक्तित्व के विकास के लिए चार चरणों में तैयारी की जा सकती हैं

1.        दीर्घकालीन तैयारी |
2.        तत्काल लघुकालीन तैयारी |
3.        साक्षात्कार हेतु बुलावे के बाद की तैयारी |
4.        अंतिम युद्ध साक्षात्कार के दिन |
दीर्घकालीन तैयारी यह तैयारी किसी भी अभ्यर्थी को उस समय से प्रारंभ से कर देनी चाहिये जब वह परीक्षा देने की सोचता है | व्यक्ति को आपने व्यक्तित्व को निखारने की आवश्यकता न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए आवश्यक होती है बल्कि सफल जीवन में अनेकानेक मौकों पर उसे प्रदर्शित करने की जरुरत भी होती हैं | इसलिए व्यक्तित्व का विकास और प्रतियोगी परीक्षाओं का इस द्रष्टि से दीर्घकालीन संबंध नही हैं दीर्घकालीन तैयारी में निम्न बिन्दुओं का ध्यान रखा जा सकता हैं |
          शब्द विन्यास व उच्चारण को सतत निखारना |
          अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी आदते और साफ सुथरा वस्त्र विन्यास |
          प्रभावशाली संवाद संप्रेषण |
          संतुलित मुद्रा एवं भाव भंगिमा |
          अनावश्यक तकिया कलाम एवं अंगविक्षेप से बचना |
          सकारात्मक तथा दयालु भाव |
          विभिन्न विषयों का सामान्य अध्ययन एवं ज्ञान |
          रोजाना नियमित रूप से दो समाचार पत्रों को पढ़ना |
          समसामयिकी विषयों का विश्लेषण |
          आत्म-विश्लेषण

तत्काल लघुकालीन तैयारी यह तैयारी लिखित परीक्षा के तुरंत बाद करनी चाहिये | जिसमे मुख्य रूप से दीर्घकाल की तैयारी के बिन्दुओं के साथ साथ निम्न अतरिक्त बातें ध्यान रखनी चाहिये-

          अपने सहपाठीयों के साथ सम-सामयिकी विषयों पर गहनता व गंभीरता से चर्चा |
          अपने शब्द उच्चारण व शैली को सुधारना |
          आत्म-विश्वास का विकास |
          झूठ बोलने की प्रवृति को पूरी तरह से छोड़ना |
साक्षात्कार हेतु बुलावे के बाद की तैयारी
          अच्छी नींद
          अच्छा स्वास्थ्य
          साक्षात्कार के दिन पहने जाने वाले वस्त्र तथा जूतों की तैयारी |
          जुते आरामदायक हों तथा आवाज नही करते हो, इसी प्रकार पहने जाने वाले वस्त्र भी एकदम नये या एकदम पुराने नही होने चाहिये |
          आप साक्षात्कार हेतु बहुत ज्यादा सजे सवरे भी नही और न ही बहुत ज्यादा केज्यूवल (जींस-टीसर्ट) में हो |
          सम-सामयिकी / अपने बैक-ग्राउंड / अपनी अभिरुचियों / अपने विषय की पर्याप्त जानकारी |
          मोक-इंटरव्यू का अभ्यास
अंतिम युद्ध साक्षात्कार के दिन
यह दिन वह है जिस दिन आपको अपना सर्वोतम प्रदर्शन करना हैं आप सुनिशिचित करे कि साक्षात्कार से पहले की रात आप अच्छा सोयें, हल्का खायें तथा किसी भी प्रकार के तनाव में न रहें |

          साक्षात्कार में समय से पहुँचे |
          अन्य अभ्यर्थीयों के साथ अनावश्यक वार्तालाप में न उलझें |
          तनाव में न रहे |
          साक्षात्कार / ग्रुप डिस्कशन में जाने से पूर्व टॉयलेट आदि कर लें तथा थोड़ा पानी भी पीया जा सकता हैं |
          अपने इस्ट.... का आत्मविश्वास के साथ स्मरण करें |
          साक्षात्कार कक्ष में सामान्य मुद्रा तथा आत्मविश्वास के साथ प्रवेश करें |
          साक्षात्कार में अध्यक्ष तथा सदस्यों का अभिवादन करें |
          बैठने का कहे जाने पर धन्यवाद के साथ बैठें |
          आराम से परन्तु सही मुद्रा में बैठें |
          चेहरे पर तनाव न रखे बल्कि एक आत्मविश्वास भरी मुस्कान रहनी चाहिये |
          आपके सामने बैठे हुए सभी सदस्यों को तत्परता से मुस्कान के साथ देखें और अध्यक्ष को प्रश्न करने की मुद्रा के साथ देखें |
साक्षात्कार के समय अपनाये जाने वाले कुछ सामान्य शिष्टाचार-
          प्रश्न का जवाब स्पस्टता से दें |
          प्रश्नकर्ता से आई कोंटेक्ट रखें |
          प्रश्न का जवाब प्रश्न की भाषा में दे, यदि भाषा नही आती हों तो ऐसा कहें |
          यदि अध्यक्ष एवं सदस्य हँसे तो उनके साथ अनावश्यक न हंसे केवल मुस्कराता चेहरा रखें |
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          उतेजित किये जाने पर भी शांत व शालीन रहें |
          अनावश्यक वाद विवाद से बचने का प्रयास करें तथा अनावश्यक फंके नही ( लोंग वाईड रिप्लाई न दें ) |
          जब नया प्रश्न पूछ लिया जाये तो पुराने प्रश्न के उत्तर पर न रहें |
          साक्षात्कार के दौरान अपनी भाव-भंगिमा सही रखे |
          साक्षात्कार के दौरान नजरे नीची न रखें तथा कंधे भी झुकाकर न बैठे |
          यदि बहुत आवश्यक हो तो ही पानी की एक दो घूंट लें, यह स्थिति सूखे होठ तथा सूखे गले रखने की स्थिति से बेहतर है यानि आवश्यक हो तो  ऐसी स्थिति से बचने के लिए पानी पीया जा सकता हैं |
          यदि चाय या कोई पेय प्रस्तुत किया जाता है तो उसे शालीनता से मना करें |
          साक्षात्कार पूर्ण होने पर धन्यवाद अवश्य कहें तथा आत्मविश्वास के साथ बाहर आयें |

बॉडी लेग्वेज
अभ्यर्थी की बॉडी लेग्वेज उसके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बोलती हैं | साक्षात्कार के कक्ष में घुसते समय तथा बैठते समय सीधे रहें | चेहरे पर प्लीजेंट मुस्कान व्यक्तित्व को निखारती हैं | आप हँसमुख तथा विश्वास से भरें रहें | अभ्यर्थी को अच्छे साक्षात्कार हेतु तत्पर रहना आवश्यक है | सुनने की अच्छी कला होनी चाहियें शरीर की भाव भंगिमा आपके बोले जाने वाले शब्दों तथा विचारों से मेल खाते होने चाहिये | साक्षात्कार के दौरान अनावश्यक शारीरिक भाव भंगिमाओं से बचना चाहिये | सर व कंधो को झटकना, आँख की भौंहों को नीचे करना, पैर या हाथ हिलाना या मुँह से अनावश्यक आवाजें निकालना अशिष्टता मानी जाती है | बैठते समय कुर्सी को खींचते समय अनावश्यक आवाज नही करें | अभ्यर्थी को कुर्शी पर सीध बैठना चाहिये लेकिन कड़क भी नही | यदि आप कुर्सी पर अपना पोस्टर बदलें तो शालीनता के साथ तथा यह वह समय होना चाहिये जब आप सबसे कम देखे जा रहे हों | साक्षात्कार के दौरान बॉडी पोस्चर न्यूनतम बदला जाना चाहिये |
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साक्षात्कार के दौरान अच्छी मुद्रा यह है कि आपके हाथ टेबल से नीचे आपकी गोद में हों तथा आप चयनकर्ता से आई कोंटेंट रखें | इधर उधर देखना इस बात का धोतक होता हैं की आप आरामदायक नही हैं तथा अपने भय व उतेजना को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं | चयनकर्ता से आई कोटेंट सामान्य होना चाहिये, यह उन्हें परेशान करने वाला नही हो | सर, हाथ और उँगलियाँ साक्षात्कार के दौरान काम में ली जा सकती है | अपनी बात को प्रभावशाली तरीके से कहने के लिए, लेकिन यह उपयोग अनावश्यक तरीके से ज्यादा नही होना चाहिये | अनावश्यक व्याकुलता न दिखायें |
हल्का सा शालीनता से आगे झुकना यह सिद्ध करता हें कि आप बात को सुनने में रूचि रखते है | भाव भंगिमा आपके साक्षात्कार को अच्छा बनाते है परन्तु अंततः आपके द्वारा कहे गए शब्द ही अधिक महत्व रखते है |
साक्षात्कार में सफलता के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स
          सकारात्मक मुस्कान यह बताती है कि आप उत्साहित तथा स्वभाव के है लेकिन अनावश्यक चौड़ी मुस्कान मुर्खता दर्शाती है |
          प्रश्नों को ध्यानपूर्वक सुनें तथा प्रश्नों का जवाब प्रश्नकर्ता को देखते हुए दें परन्तु उसे घूरते हुए नही |
          शालीनता से सीधे बैठें |
          लम्बे अनावश्यक जवाब न दें निर्भिक रहे परन्तु टू दी पॉइंट रहें |
          उतेजित व भावुक न हों |
          ध्यान रखे की आपकी बॉडी लेग्वेज आपको धोखा न दें |
          सदैव ईमानदार तथा आत्मविश्वास भरा उत्तर दें |
          बहुत ज्यादा अतिवादी या एकपक्षीय व्यू न रखें |
          यदि आप धुम्रपान करते है तो इन्टरव्यू से पहले न करें |
          अनावश्यक बल्फ न करें |  
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